दीपक तिवारी/विदिशा
मध्य प्रदेश सरकार के निर्देश पर इन दिनों जिला प्रशासन द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान चलाकर प्राचीन बावड़ी, तालाब, कुओं और नदियों की साफ सफाई कर उन्हें रिचार्ज करने का अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन वास्तव में आज भी दर्जनों जल स्त्रोत उपेक्षित पड़े हैं जिनको अधिकारियों ने देखा तक नहीं है।
जिला मुख्यालय की ही बात करें तो जिला पंचायत के सामने स्थित लोक निर्माण विभाग का एक प्राचीन कुआं जो कुछ साल पहले तक आसपास के शासकीय क्वार्टर में पानी पहुंचाता था, आज कचरा घर बन चुका है और पूरी तरह उपेक्षित है। जबकि पूरे जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान चलाकर जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने का दावा किया जा रहा है।
लोगों का कहना है कि जब शहर में प्राचीन कुआं, बावड़ी और तालाबों की तरफ जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है तो फिर ये कैसा अभियान चलाया जा रहा है। विदिशा शहर के हर वार्ड में सैकड़ों कुएं कचरा घर बन चुके हैं। जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत इनकी साफ सफाई कर रिचार्ज कर दिया जाता तो लोगों को पेयजल संकट से काफी राहत मिलती। लेकिन दावे ज्यादा किए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि विदिशा शहर के कई वार्डों में जल संकट को लेकर लोग बहुत परेशान हैं।
गौरतलब है कि विदिशा शहर के कई वार्डों में जल संकट को लेकर लोग बहुत परेशान हैं।