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झोलाछाप की दुकान, मौत की पहचान: शहर से लेकर हर गांव में फैला झोलाछाप डॉक्टरों का जाल


स्वास्थ्य विभाग की खानापूर्ति कार्रवाई से विदिशा जिले में मरीजों की मौतें 

दीपक तिवारी/विदिशा 

विदिशा जिले के लटेरी में झोलाछाप डॉक्टर के गलत इलाज की वजह से 2 वर्षीय एक मासूम बच्चे की मौत हो गई। बच्चों की मौत के बाद लोगों में जमकर आक्रोश पैदा हुआ, झोलाछाप डॉक्टर की क्लीनिक पर पथराव किया गया और डॉक्टर के साथ मारपीट की गई। स्वास्थ्य महकमें की इस मामले में सबसे बड़ी लापरवाही है, जो कार्रवाई के नाम पर केवल खाना पूर्ति करता है। आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग जिले भर में सक्रिय झोलाछाप डॉक्टरों से प्रत्येक महीने अवैध वसूली करता है।

लटेरी में एक ग्रामीण अपने 2 वर्षीय बच्चे के बीमार होने पर झोलाछाप डॉक्टर संतोष साहू को दिखाने पहुंचा था। जिसके गलत इलाज की वजह से बच्चे की कुछ देर में मौत हो गई। मासूम बच्चे की मौत से गुस्साए लोगों ने डॉक्टर की क्लीनिक में तोड़फोड़ की और झोलाछाप डाक्टर की जमकर पिटाई लगा दी। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया। पुलिस ने बवाल को शांत करते हुए डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। 
जबकि दो महीने पहले ही लटेरी के बलरामपुर गांव में एक झोलाछाप डॉक्टर के गलत इंजेक्शन की वजह से महिला की हालत खराब हो गई थी और उसे भोपाल ले जाना पड़ा था इसके बावजूद स्वास्थ्य महकमा नहीं जागा और लटेरी में एक मासूम बच्चे की जान चली गई।
शासन द्वारा हर साल स्वास्थ्य विभाग को फर्जी और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए जाते हैं। लेकिन विदिशा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा खानापूर्ति करते हुए इन झोलाछाप डॉक्टरों को केवल नोटिस देकर समझौता कर लिया जाता है। कुछ दिन के लिए अवैध क्लिनिक बंद हो जाते हैं और स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक फिर चालू हो जाते हैं। हालत यह है कि विदिशा शहर के ही हर मोहल्ले  में झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानें चल रही हैं, इसलिए ग्रामीण क्षेत्र की हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है। जब शहर में ही इन्हें कोई रोकने वाला नहीं है तो ग्रामीण क्षेत्रों में कौन देखने वाला है?

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