एमपी धमाका
सांसद निधि, जिसे "सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना" (MPLADS) के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य सांसदों (लोकसभा व राज्यसभा के निर्वाचित और मनोनीत सदस्य) को अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों की सिफारिश करने के लिए सशक्त बनाना है।
योजना की मुख्य बातें:
यह योजना 23 दिसंबर 1993 को शुरू की गई थी।
उद्देश्य : इस योजना के तहत, सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र की स्थानीय जरूरतों के अनुसार स्थायी सामुदायिक संपत्तियों के निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए किए जाने वाले कामों की सिफारिश कर सकते हैं।
निधि की राशि :
उपरोक्त कामों के लिए हर संसद सदस्य को प्रति वर्ष ₹5 करोड़ की निधि आवंटित होती है।
निधि का उपयोग : सांसद केवल सुझाव देते हैं कि उन्हें आवंटित निधि के माध्यम से किन विकास कार्यों को किया जाना चाहिए।
निधि सीधे सांसदों को नहीं दी जाती है, बल्कि यह केंद्र सरकार द्वारा सीधे जिला अधिकारियों को जारी की जाती है।
जिला अधिकारी इन कार्यों को लागू करने और निधि का प्रबंधन करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।इस निधि का उपयोग विकासात्मक कार्यों के लिए किया जाता है, जैसे कि सड़कों, पुलों, स्कूलों, अस्पतालों, पेयजल सुविधाओं आदि का निर्माण।
यह निधि अव्यपगत (non-lapsable) होती है, जिसका अर्थ है कि यदि किसी वर्ष में निधि का उपयोग नहीं होता है, तो उसे अगले वर्षों में जोड़ा जा सकता है।
सांसदों की भूमिका :
लोकसभा सदस्य अपने चुनाव क्षेत्र में कहीं भी विकास कार्यों करने की सिफारिश कर सकते हैं।
राज्यसभा सदस्य : अपने राज्य में कहीं भी विकास कार्य करने की सिफारिश कर सकते हैं।
मनोनीत सांसद : देश भर में कहीं भी विकास कार्यों की सिफारिश कर सकते हैं।
पारदर्शिता : इस योजना में पारदर्शिता लाने के लिए,
सभी कार्यों और निधि की स्थिति की निगरानी एक आईटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से की जाती है।
सांसद निधि के अंतर्गत कराए गए कामों से संबंधित जानकारियां आरटीआई में जिला कलेक्टर कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी से मांगी जा सकती है।