दीपक तिवारी, विदिशा
विदिशा जिले में घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार चरम पर है। हालत यह है कि घटिया निर्माण के कारण करोड़ों की कलेक्टर कार्यालय बिल्डिंग में जगह-जगह से दरारें पड़ गई हैं। जिसके कारण बारिश के दौरान बिल्डिंग की छत रिस रही है। बारिश का पानी रिसने के कारण कुछ दिन पूर्व एडीएम कोर्ट की सीलिंग डिजाइन गिर गई। इसके कारण अपर कलेक्टर समेत स्टाफ को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बाद में लोनिवि के जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं।
याद दिलाते चलें कि लगभग 14 करोड़ की राशि से बने कंपोजिट भवन के निर्माण को मंजूरी तत्कालीन कलेक्टर योगेन्द्र शर्मा के कार्यकाल के दौरान मिली थी। इसके बाद कलेक्टर सीबी सिंह के कार्यकाल में कार्य प्रारंभ किया गया था। उनके बाद आनंद कुमार शर्मा, एमबी ओझा भी रहे। लेकिन कंपोजिट भवन का काम समय पर पूरा नहीं हुआ और लागत राशि बढ़ती गई। इसके बाद आए कलेक्टर अनिल सुचारी ने बार-बार निर्माण स्थल का दौरा किया और काम में तेजी लाने के निर्देश दिए थे।
कंपोजिट भवन आखिरकार विलंब से बना और कलेक्टर के अधीन कार्यालय 2019 में स्वामी विवेकानंद चौराहा के पास शिफ्ट हुए। लेकिन लोक निर्माण विभाग द्वारा गुणवत्ता कंट्रोल न किए जाने से भवन में जगह-जगह से दरारें पड़ चुकी हैं और बारिश के दौरान पहली मंजिल की छत रिस रही है। केवल 6 साल में ही करोड़ों की लागत से बना कंपोजिट भवन जर्जर हो चुका है, इस भवन का दस साल भी पूरे करना मुश्किल दिखाई दे रहा है।