हम आप पहले से ही बदहाल जीवन जी रहे हैं, राम विमुख होकर इसे और बदतर न करें। अतः राम सनमुख होकर राम में लगें, रामजी के बन कर रहें।
जगत बिदित तुम्हारि प्रभुताई ।
सुत परिजन बल बरनि न जाई ।।
राम बिमुख अस हाल तुम्हारा ।
रहा न कोउ कुल रोवनिहारा ।।
रावण मारा जा चुका है, रघुबीर के बाणों ने उसके शव को मंदोदरी के पास रख दिया है। मंदोदरी बिलाप करते हुए कहती है कि तुम्हारी प्रभुता सारा जगत जानता है, तुम्हारे पुत्रों, परिवार का बल अवर्णनीय है। लेकिन राम जी विमुख होने के कारण तुम्हारा ऐसा हाल हुआ कि कुल में कोई रोने वाला भी नहीं रह गया है।
जय श्री राम