भोपाल। सच्चाई को उजागर करना अब खतरे से खाली नहीं रहा। सफाई कर्मचारी के सम्मान के लिए आवाज उठाने वाली जुझारू पत्रकार ममता गनवानी को अब लगातार धमकियों, झूठे विवादों और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है।
मामला विजयनगर लालघाटी स्थित साईं बाबा कॉम्प्लेक्स का है, जहां 25 सितंबर 2025 को निवासी प्रकाश ने सफाई कर्मचारी ममता वाल्मीकि के साथ अभद्र व्यवहार और गाली-गलौज की थी। इस घटना को पत्रकार ममता गनवानी ने निडर होकर उजागर किया। लेकिन सच्चाई दिखाना ही उनके लिए संकट बन गया।
26 सितंबर को वाल्मीकि समाज और नगर निगम कर्मचारियों ने प्रकाश से माफी की मांग की। इसी बीच में उमेश नामक व्यक्ति ने बीच में आकर वाल्मीकि समाज से दादागिरी कर उलझने की कोशिश की। उसके बाद वाल्मीकि समाज का आक्रोश बढ़ता देख प्रकाश ने सफाईकर्मी ममता वाल्मिकी से हाथ जोड़कर पांव छूकर माफी मांगी, जब जाकर मामला शांत हुआ।
8 अक्टूबर की आधी रात, उमेश और उसके पड़ोसी कपिल ने कथित रूप से ममता गनवानी पर झूठा आरोप लगाया और उनके साथ विवाद करने लगे। रात 2:45 बजे जब मामला बढ़ा, तो पत्रकार ने अपने पिता को बुलाकर स्थिति संभाली और उसी वक्त थाना कोहेफिजा पहुंचकर आवेदन दिया।
गौरतलब है कि उमेश पर पहले भी पत्रकार ममता गनवानी की कार का शीशा तोड़ने का आरोप है, जिसकी एफआईआर 18 सितंबर 2023 को दर्ज हो चुकी है। इसके बावजूद आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और पत्रकार को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं।
पत्रकार समाज ने इस पूरे प्रकरण पर कड़ा आक्रोश जताया है। ममता गनवानी के समर्थन में कई वरिष्ठ पत्रकार, प्रेस क्लब और मीडिया संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे शरारती तत्वों के खिलाफ फौरन सख्त कार्रवाई की जाए।
पत्रकारों का कहना है कि यदि एक महिला पत्रकार, जो समाज की सच्चाई सामने लाती है, उसे ही इस तरह निशाना बनाया जाएगा, तो यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।