दीपक तिवारी
परम पूज्य गुरुदेव महाराज और कई संत महात्माओं के पावन सानिध्य में पीएम मोदी के अनुज पंकज भाई मोदी ने पहली बार आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन करने का अद्भुत लाभ प्राप्त किया। परम पूज्य गुरुदेव महाराज ने आदि कैलाश में श्री रामार्चन महायज्ञ कर एक बार फिर आध्यात्म का झंडा हजारों फुट की ऊंचाई पर फहरा दिया। इस पांच दिवसीय यात्रा का शुभारंभ उत्तराखंड में काली नदी के उद्गम स्थल से हुआ।
पीएम मोदी के अनुज पंकज मोदी ने एमपी धमाका को बताया कि काली नदी के एक किनारे भारत और दूसरे किनारे पर नेपाल है। काली मंदिर में परम पूज्य गुरुदेव महाराज ने पूजा अर्चना की। इसके उपरांत हजारों फीट की ऊंचाई का सफर तय करते हुए सभी लोग आदि कैलाश पहुंचे, जहां पार्वती कुंड और पार्वती मंदिर में परम पूज्य गुरुदेव महाराज और परम पूज्य रामायणी जी महाराज ने पूजा अर्चना की। सभी लोगों ने 18 हजार वर्ग फीट की ऊंचाई से कैलाश के दर्शन किए। ओम पर्वत से आगे कैलाश मानसरोवर की पैदल यात्रा शुरू होती है। इसके बाद चायना बार्डर शुरू हो जाती है। पूरी यात्रा रहस्य और रोमांच से भरपूर रही।
आदि कैलाश उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में लगभग 6 से ज्यादा मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो एक पवित्र पर्वत है। इस पवित्र पर्वत यानी आदि कैलाश को पंच कैलाशों में से एक माना जाता है. आदि कैलाश को भगवान शिव और माता पार्वती का निवास स्थान भी माना जाता है. नाभिढांग से पर्वत पर बर्फ से 'ॐ' की आकृति दिखती है. जिस वजह से इसे ओम पर्वत कहा जाता है।
बताते चलें कि 12 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सीमांत पिथौरागढ़ जिले के गुंजी पहुंचकर आदि कैलाश और पार्वती कुंड के दर्शन कर चुके हैं। पीएम मोदी के दौरे के बाद से ही आदि कैलाश दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। आदि कैलाश जाने के पहले पिथौरागढ़ जाना होता है, फिर धारचूला, इसके बाद गुंजी जाना होता है. जहां से आदि कैलाश के करीब जाया जा सकता है।
परम पूज्य गुरुदेव महाराज और कई संत महात्माओं के पावन सानिध्य में पीएम मोदी के अनुज पंकज भाई मोदी ने पहली बार आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन करने का अद्भुत लाभ प्राप्त किया। परम पूज्य गुरुदेव महाराज ने आदि कैलाश में श्री रामार्चन महायज्ञ कर एक बार फिर आध्यात्म का झंडा हजारों फुट की ऊंचाई पर फहरा दिया। इस पांच दिवसीय यात्रा का शुभारंभ उत्तराखंड में काली नदी के उद्गम स्थल से हुआ।
पीएम मोदी के अनुज पंकज मोदी ने एमपी धमाका को बताया कि काली नदी के एक किनारे भारत और दूसरे किनारे पर नेपाल है। काली मंदिर में परम पूज्य गुरुदेव महाराज ने पूजा अर्चना की। इसके उपरांत हजारों फीट की ऊंचाई का सफर तय करते हुए सभी लोग आदि कैलाश पहुंचे, जहां पार्वती कुंड और पार्वती मंदिर में परम पूज्य गुरुदेव महाराज और परम पूज्य रामायणी जी महाराज ने पूजा अर्चना की। सभी लोगों ने 18 हजार वर्ग फीट की ऊंचाई से कैलाश के दर्शन किए। ओम पर्वत से आगे कैलाश मानसरोवर की पैदल यात्रा शुरू होती है। इसके बाद चायना बार्डर शुरू हो जाती है। पूरी यात्रा रहस्य और रोमांच से भरपूर रही।
आदि कैलाश उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में लगभग 6 से ज्यादा मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो एक पवित्र पर्वत है। इस पवित्र पर्वत यानी आदि कैलाश को पंच कैलाशों में से एक माना जाता है. आदि कैलाश को भगवान शिव और माता पार्वती का निवास स्थान भी माना जाता है. नाभिढांग से पर्वत पर बर्फ से 'ॐ' की आकृति दिखती है. जिस वजह से इसे ओम पर्वत कहा जाता है।
बताते चलें कि 12 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सीमांत पिथौरागढ़ जिले के गुंजी पहुंचकर आदि कैलाश और पार्वती कुंड के दर्शन कर चुके हैं। पीएम मोदी के दौरे के बाद से ही आदि कैलाश दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। आदि कैलाश जाने के पहले पिथौरागढ़ जाना होता है, फिर धारचूला, इसके बाद गुंजी जाना होता है. जहां से आदि कैलाश के करीब जाया जा सकता है।