विश्व पर्यावरण दिवस पर विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम
एमपी धमाका, उज्जैन
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की पर्यावरण प्रबंधन अध्ययनशाला एवं वनस्पति अध्ययनशाला तथा आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में स्वर्ण जयंती सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया।
पर्यावरण विशेषज्ञ एवं इंस्टीट्यूटआफ मैनेजमेंट बेंगलुरु की उप आचार्य व विभागाध्यक्ष डॉ मेघना रमैया ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधन देते हुए "पंचतत्व और ग्रह: आधुनिक स्थिरता चुनौतियों के लिए भारत के प्राचीन ज्ञान को पुनः प्राप्त करना" के बारे में बताते हुए इनकी वर्तमान आवश्यकता को प्रतिपादित किया।
कार्यशाला में प्रयोग के माध्यम से हम किस प्रकार अपना सतत विकास कर सकते हैं पर डॉ. मेघना वर्मा ने अपने विचार रखे। उन्होंने प्रयोग के माध्यम से बताया कि किस प्रकार मानव जाति प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग करती है यदि हम संसाधनों का दुरुपयोग इसी तरह से करते रहे तो आने वाली पीढ़ी के लिए कोई भी प्राकृतिक संसाधन शेष नहीं बचेगा
कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज ने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि, सभी शिक्षकों के सामने सतत विकास के बारे में जानकारी देने के लिए यह कार्यशाला उपयोगी होकर महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर पर्यावरण प्रबंधन अध्ययनशाला के आचार्य देवेंद्र मोहन कुमावत द्वारा डॉक्टर मेघना वर्मा का संक्षिप्त परिचय दिया एवं उन्होंने भी सतत विकास पर प्रकाश डाला। कार्यशाला मे प्लास्टिक प्रदूषण को भी हराना है इस पर जानकारी दी गई। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रीति पांडे ने किया इस कार्यशाला में विभिन्न अध्ययन शालाओं के आचार्य से आचार्य एवं सभी शिक्षक उपस्थित रहे।