एमपी धमाका, भोपाल
मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय की प्रशासन शाखा ने हाल ही में थानों में पदस्थ दागी पुलिसकर्मियों और लंबे समय से एक ही जगह टिके पुलिस अधिकारियों के रीडर, स्टेनो आदि को हटाने के संबंध में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
इन निर्देशों का मुख्य उद्देश्य पुलिस बल में पारदर्शिता और कार्यक्षमता लाना है।
मुख्य बिंदु:
* दागी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई:
इन दिशा-निर्देशों के तहत ऐसे पुलिसकर्मियों को चिह्नित किया जाएगा, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, अभियोजन लंबित है, विभागीय जांच चल रही है या जिन पर भ्रष्टाचार , नैतिक पतन ,शारीरिक हिंसा, अवैध गतिविधियों जैसे आरोप हैं।
ऐसे पुलिस कर्मियों को थानों से हटा कर कम संवेदनशील पदों पर पदस्थ किया जाएगा। उन्हें क्राइम ब्रांच और किसी अधिकारी के कार्यालय में भी तैनात नहीं किया जाएगा।
रीडर, स्टेनो आदि पर शिकंजा :
वे रीडर, स्टेनो और अन्य स्टाफ ,
जो लंबे समय (निर्धारित अवधि से अधिक) से किसी एक पुलिस अधिकारी के साथ या एक ही स्थान पर पदस्थ हैं,
उनका भी स्थानांतरण किया जाएगा।
इसका उद्देश्य कार्य में जड़ता व सांठगांठ की गुंजाइश को खत्म करना और नए लोगों को अवसर देना है।
पारदर्शिता और जवाबदेही:
इन निर्देशों से पुलिसिंग में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही आने की उम्मीद है।
इन दिशा निर्देशों पर कारगर ढंग से अमल होने पर यह कदम पुलिस बल की छवि सुधारने और जनता का विश्वास बढ़ाने में सहायक हो सकता है।
इसे मध्य प्रदेश पुलिस में सुधारों की दिशा में अच्छी पहल माना जा रहा है।