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एक घंटे में 14 किलो ड्राई फ्रूट खा गए अधिकारी....!


शहडोल। जिले के शिक्षा विभाग में हाल ही में दो स्कूलों की पोताई का घोटाला सामने आया था, जिसमें 24 लीटर आयल पेंट के लिए 3.38 लाख रुपये खर्च बताया गया था। इसकी जांच पूरी भी नहीं हो पाई थी कि दूसरा मामला आ गया जिसमें एक घंटे की बैठक में चार-पांच अधिकारियों ने 14 किलो ड्राई फूट खा लिए। भ्रष्टाचार का यह मामला जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत गोहपारू ब्लॉक के भदवाही ग्राम पंचायत में हुए जल चौपाल के आयोजन में सामने आया है। हैरत की बात यह है कि कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ खुद मौजूद थे, लेकिन अब वे इस बिल को लेकर हैरत जता रहे हैं। कार्यक्रम में कलेक्टर, एसडीएम सहित कई अधिकारी शामिल हुए थे।

खिचड़ी, पूड़ी-सब्जी खिलाई, बिल ड्राई फ्रूट का दिखाया-:
भदवाही ग्राम पंचायत में जल चौपाल के आयोजन में अधिकारी और ग्रामीण शामिल हुए थे। इस दौरान ग्रामीणों को खिचड़ी, पूड़ी और सब्जी खिलाई गई और जो बिल जारी किए गए, उसमें ड्राई फूट का खर्च दिखाया गया। ग्राम पंचायत के नाम पर आए बिल की राशि 19 हजार 10 रुपये का भुगतान भी कर दिया गया है।

 एक किलो काजू की कीमत 1000 रुपये-:
बिल में काजू की कीमत में बड़ा अंतर देखने में आया है। एक किलो काजू 1000 रुपये में खरीदा गया, जबकि काजू के दाम 600 से 650 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं। किराना व्यापारी के बिल में पांच किलो काजू, छह किलो बादाम और तीन किलो किसमिस का उल्लेख है। अन्य सामग्री जैसे 30 किलो नमकीन और 20 पैकेट बिस्कुट का भी खर्च शामिल है। इसके अलावा छह लीटर दूध में पांच किलो शक्कर मिलाकर चाय भी पिलाई गई है।

कोई बजट नहीं आने का दावा-:
सरकारी अमला यह दावा कर रहा है कि यह अभियान जनसहयोग से चल रहा है। इसके लिए कोई बजट नहीं आया है। गोविंद गुप्ता किराना स्टोर, ग्राम भर्री की ओर से यह बिल ग्राम पंचायत भदवाही के नाम पर भेजा गया है। यह बिल सामने आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है।

यह था आयोजन का उद्देश्य-:
जल गंगा संवर्धन अभियान का उद्देश्य गांवों में जल संरचनाओं की सफाई करना था। इस अभियान के तहत सरकार ने गांवों में कुएं, तालाब और नदियों की सफाई का कार्य अभियान चलाकर 30 जून तक किया था। प्रदेश के सभी जिलों में इस तरह के आयोजन हुए थे।

'कार्यक्रम में मैं खुद मौजूद था, लेकिन मुझे इस बिल के बारे में जानकारी नहीं है। फिर भी पता करता हूं। यह आयोजन ग्राम पंचायत ने किया था और सभी वरिष्ठ अधिकारी व आमजन शामिल हुए थे।'

- मुद्रिका सिंह, प्रभारी सीईओ, जिला पंचायत।

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