गुना (मध्य प्रदेश) में एक म्याना थाना क्षेत्र में एक महिला ने 22 अप्रैल 2017 को ठेकेदार पर रेप का आरोप लगाया था। लेकिन बाद में कोर्ट में उसने अपने बयान से मुँह मोड़ लिया कि उसके साथ कोई रेप नहीं हुआ। यह मामला महिला के लिए उल्टा पड़ गया और वह सजा की पत्र बन गई।
इसकी सुनवाई एडिशनल सेशन जज ओ. पी. रघुवंशी की कोर्ट में हुई।
कोर्ट ने आरोपित ठेकेदार को बरी कर दिया।
महिला को झूठा रेप केस दर्ज कराने का दोषी मानते हुए 2 साल की कैद और ₹1,000 का जुर्माना सुनाया।
साथ ही, कोर्ट ने महिला के पति के खिलाफ “षड़यंत्र रचने” का अलग मुकदमा दर्ज कराने के आदेश भी दिए।
इस प्रकार, दोषी महिला को 2 साल की सजा के साथ आर्थिक दंड तथा उसके पति के खिलाफ साजिश के आरोप की भी प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश मिला।