बिना किसी जांच पड़ताल के,
डाक विभाग,कोरियर कंपनियों और यात्री बसों के जरिए देश में रोजाना यहां से वहां भेजे जा रहे अनगिनत पैकेटों - पार्सलों में क्या है, कौन जानता है ?
क्या देश और समाज के हित में
बुकिंग से पहले,
स्केनर से ऐसे हर पार्सल की स्कैनिंग करना अनिवार्य करने की जरूरत नहीं है ?
गैर कानूनी सामग्री भेजने और पाने पर रोक लगाने का कोई और कारगर उपाय है ?
नशीले पदार्थों की आवाजाही और देश की आंतरिक सुरक्षा से भी जुड़ा मुद्दा है यह।
इस पर क्या राय है आपकी ?