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न सफलता की कहानी और न कोई समाचार, फिर शिविरों में कैसा उपचार?


एमपी धमाका, विदिशा 

भारत की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद को विश्व का सिरमौर बनाने के लिए जहां पीएम मोदी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं तो वहीं विदिशा जिले में इसके उलट आयुर्वेद चिकित्सा को गर्त में पहुंचाने का काम आयुष विभाग कर रहा है। विभाग की सारी योजनाएं और गतिविधियां बगैर प्रचार-प्रसार के गुप-चुप कागजों में हो रही हैं। जबकि कलेक्टर सफलता की कहानी से लेकर हर योजना के प्रचार-प्रसार के सख्त निर्देश जिला आयुष अधिकारी को दे चुके हैं। लेकिन जिला आयुष अधिकारी की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा है। इसलिए 14 जुलाई को 14 आयुर्वेदिक औषधालयों अर्थात हेल्थ वेलनेस सेंटरों में राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत हुए शिविरों का किसी को पता ही नहीं चला। विभाग द्वारा न तो सफलता की कहानी जनसंपर्क विभाग को जारी की जा रही हैं और न शिविरों के समाचार जारी किए जा रहे हैं, जिससे आयुर्वेदिक उपचार से लोग वंचित हैं।
याद रहे कि केंद्र सरकार के राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत प्रति माह  की 14 तारीख को  विदिशा जिले के 14 हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर शासकीय आयुर्वेद औषधालयों में चिकित्सा शिविर आयोजित किए जाते हैं, लेकिन विभाग द्वारा किसी भी शिविर का प्रचार-प्रसार नहीं किया जाता। 
प्रचार-प्रसार के अभाव में   औषधालय के ग्राम  तथा  आस-पास के ग्रामों  के  निवासियों को इन चिकित्सा  शिविरों का लाभ नहीं मिल रहा है। जबकि 29 अप्रैल 2025 को कलेक्टर ने आयुष विभाग की समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए थे कि प्रत्येक शिविर  का पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाए।

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