एमपी धमाका, विदिशा
श्री दादाजी मनोकामना पूर्ण सिद्ध श्री हनुमान मंदिर रंगई रेलवे पुल विदिशा के महंत गुरुदेव महामंडलेश्वर 1008 श्री विश्वंभर दास जी रामायणी महाराज ने कहा है कि जिस दिन हम कामना रहित हो जाएंगे, उसी दिन सुखी हो जाएंगे। कामना रहित हुए बिना जीव का कल्याण संभव नहीं है। सभी कामनाओं को त्याग कर भगवान का भजन करने पर ही जीव सुखी हो सकता है।
यह बात उन्होंने गुरुवार को गुरु पूजन के बाद रामायणी परिवार के भक्तों को संबोधित करते हुए आशीर्वचन स्वरूप कहीं।
पूज्य महाराज जी ने कहा कि काम, क्रोध, मद और लोभ यह सभी जीव को जन्म मृत्यु के चक्कर में डालते हैं। इनमें काम बड़ा प्रबल है। केवल भोग ही काम नहीं है, नाना प्रकार की इच्छाएं और स्वार्थ काम है। हमारी इच्छाएं कभी पूरी नहीं होती, एक इच्छा पूरी होती है तो दूसरी शुरू हो जाती है। जब तक हम कामना करेंगे तब तक जन्म-मृत्यु, मान-अपमान सुख-दुख और हानि-लाभ लगे रहेंगे। जिस दिन हम कामना रहित होकर भगवान की सेवा में लग जाएंगे, उसी दिन सुखी हो जाएंगे। हम सभी सीताराम जी के उपासक हैं और हमारे सहायक श्री हनुमान जी महाराज हैं, जो हर क्षेत्र में अग्रगण्य हैं।
सुंदरकांड में हनुमान जी ने भगवान के सभी काम सिद्ध किए हैं इसलिए सुंदरकांड के पाठ से हमारे सभी कष्ट दूर होते हैं और हमें सुख प्राप्त होता है।
महाराज जी ने कहा कि ज्यादा स्वार्थ हानिकारक होता है, इसलिए भगवान के दरबार में कुछ मांगना नहीं चाहिए, क्योंकि भगवान और उच्च कोटि के महापुरुष सभी भक्तों के मन की जानते हैं, इसलिए हमें सेवा पूजा और भक्ति पर ध्यान देना चाहिए।