जाँच में सामने आया संगठित अंतर्राज्यीय नेटवर्क
स्थानीय स्तर पर जोखिम और सीमित लाभ को देखते हुए अधिकतर खपत उत्तर प्रदेश राज्य में की जाती थी
दो अवैध कारख़ाने आए सामने, एक फैक्ट्री घर पर ग्राम चंदेरी थाना कुड़ीला टीकमगढ़ और दूसरी वेयरहाउस में ग्राम रामगढ़ थाना जतारा टीकमगढ़
आर्म्स बनाने में उपयोग होने वाले सभी कलपुर्जे स्वयं बनाए ताकि मुनाफा ज्यादा हो
फैक्टी से जप्त सामाग्री का उपयोग कर बनाये जा सकते थे दर्जनों अवैध हथियार
एक ही परिवार तीन पीढ़ी से कर रहा था अवैध आर्म्स बनाने का कार्य, गोपनीय के लिए सिर्फ परिवार को ही निर्माण
35-40 वर्षों से कर रहे अवैध हथियार बनाने का कारोबार
लेथ मशीन का उपयोग चोरी छुपे कृषि उपकरण की जगह हथियार बनाने में
वेयरहाउस में खोल कारखाना वेयरहाउस मलिक को बनाया पार्टनर किराया भी दिया
परिवार में बेटों और नाती पोते को जेल होने के बावजूद भी कारोबार रखा जारी
एमपी धमाका, भोपाल
क्राइम ब्रांच भोपाल शहर में अपराध व अपराधियों पर नियंत्रण हेतु पुलिस आयुक्त भोपाल हरिनारायणाचारी मिश्र एवं अतिरिक्त पुलिस आयुक्त भोपाल पंकज श्रीवास्तव द्वारा अवैध हथियारों की तलाश पतारसी हेतु निर्देशित किया गया था ।
उक्त निर्देशों के अनुक्रम में पुलिस उपायुक्त अपराध अखिल पटेल एवं अति पुलिस उपायुक्त अपराध शैलेन्द्र सिंह चौहान, सहायक पुलिस आयुक्त अपराध सुजीत तिवारी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी थाना क्राइम ब्रांच अशोक मरावी व उनकी टीम को शहर में अवैध हथियारों की तलाश पतारसी में लगाया था ।
क्राइम ब्रांच को सूचना प्राप्त हुई थी कि कुछ शातिर अपराधी वाहन चोरी एवं अवैध हथियारों के गैंग से जुड़े हुए हैं एवं निशातपुरा क्षेत्र में निवास कर रहे हैं।
प्राप्त सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा उक्त क्षेत्र में दबिश दी गई, जिसमें तीन संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया। आरोपियों के कब्जे से तीन वाहन बरामद किए गए हैं। वाहनों को हनुमानगंज थाने के सुपुर्द किया गया।
पूछताछ के दौरान आरोपियों द्वारा बताया गया कि एक व्यक्ति मुख्तार खान हथियारों की अवैध सप्लाई में संलिप्त है। प्राप्त सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए मुख्तार की घेराबंदी कर उसे हिरासत में लिया गया। तलाशी के दौरान मुख्तार के पास से एक उच्च गुणवत्ता की पिस्टल बरामद की गई। हथियार की गुणवत्ता को देखते हुए क्राइम ब्रांच द्वारा गहन पूछताछ की गई, जिसमें मुख्तार ने खुलासा किया कि उक्त हथियार उसे सुरेंद्र विश्वकर्मा निवासी टीकमगढ़, झांसी से प्राप्त हुआ है। मुख्तार द्वारा यह हथियार ₹32,000/- में खरीदे जाने की जानकारी दी गई है । उक्त जानकारी के आधार पर भोपाल क्राइम ब्रांच की टीम ने रामगढ़ जिला टीकमगढ़ में दविश दी ।
क्राइम ब्रांच भोपाल द्वारा अवैध हथियार तस्करी और निर्माण की कड़ी में की गई गहन जाँच से यह तथ्य उजागर हुआ है कि सुरेंद्र विश्वकर्मा एवं उसके परिवार द्वारा वर्षों से अवैध शस्त्र निर्माण की गतिविधियाँ संचालित की जा रही थीं। प्रारंभिक सूचना पर की गई कार्रवाई में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनमें यह गतिविधियाँ पीढ़ी दर पीढ़ी संचालित होती रही हैं।
पारिवारिक पृष्ठभूमि में छिपा अपराध का तंत्र- 40 वर्ष से लगातार निर्माण -सुरेंद्र विश्वकर्मा का पिता आनंदी विश्वकर्मा लगभग 40 वर्षों से लेथ मशीन के माध्यम से ट्रॉली व कृषि उपकरण निर्माण का कार्य करता रहा। परंतु जाँच में यह सामने आया कि उक्त कार्यशाला की आड़ में वह चोरी-छिपे पिस्तौल का निर्माण करता था। यह तकनीक आनंदी ने अपने फुलेरा निवासी एक रिश्तेदार से सीखी थी, जिसकी मृत्यु के पश्चात वह स्वयं इस कार्य को अंजाम देने लगा।
दिखावे के तौर पर आनंदी कृषि यंत्र निर्माण का कार्य दर्शाता रहा, जबकि उसकी वास्तविक आय का स्रोत अवैध हथियार निर्माण था। गाँव में पूछताछ करने पर भी आनंदी स्वयं को केवल टूट-फूट व निर्माण मरम्मत कार्य से जुड़ा व्यक्ति बताता था।
अपराध में पूरे परिवार की संलिप्तता- लाभ के लालच में आनंदी विश्वकर्मा ने अपने पूरे परिवार को इस अवैध गतिविधि में संलिप्त कर लिया। यहाँ तक कि सुरेंद्र के जेल जाने के पश्चात भी आनंदी ने अपने नाबालिग पोते को इस कार्य में लगा दिया। इसके अतिरिक्त उसका एक अन्य बेटा धर्मेंद्र भी इस कार्य से जुड़ा हुआ पाया गया। जब सुरेंद्र और उसका पुत्र स्थानीय पुलिस द्वारा पूर्व में गिरफ्तार किए गए, तब भी आनंदी ने यह कार्य बंद नहीं किया।
पूर्ववर्ती आपराधिक पृष्ठभूमि- सुरेंद्र विश्वकर्मा पूर्व में लूट के प्रकरण में दोषसिद्ध होकर 7 वर्ष की सजा काट चुका है। वह जनवरी 2025 में जेल से रिहा हुआ और रिहा होते ही पुनः अवैध शस्त्र निर्माण का कार्य प्रारंभ कर दिया।
उन्नत स्तर पर स्थापित अवैध फैक्ट्री-जाँच में यह भी सामने आया कि सुरेंद्र विश्वकर्मा ने इस बार बड़े स्तर पर शस्त्र निर्माण यूनिट की स्थापना की। पहले जहां केवल कलपुर्जे बाहर से लाकर असेंबलिंग की जाती थी, वहीं इस यूनिट में समस्त कलपुर्जों का निर्माण स्थानीय रूप से किया जा रहा था। इसके लिए विशेष प्रकार की मशीनें व उपकरण बड़े निवेश के साथ स्थापित किए गए।
संरक्षित स्थान पर अवैध इकाई का संचालन-इस अवैध इकाई के लिए सुरेंद्र ने अपने पुराने परिचित एक दूरस्थ वेयरहाउस चुना, जो खेतों के मध्य स्थित था और निगाहों से ओझल रहता था। इस स्थान पर दो लेथ मशीनें एवं अन्य उपकरण स्थापित किए गए। गोपनीयता बनाए रखने के लिए अत्यधिक सावधानी बरती जाती थी।
पार्टनरशिप मॉडल और आर्थिक लेनदेन-सुरेंद्र विश्वकर्मा ने इस अवैध कार्य में अपने परिचित को अपना भागीदार बनाया और उसे ₹20,000/- प्रति माह किराया भुगतान किया जाता था। इस गतिविधि की आर्थिक प्रकृति से यह स्पष्ट होता है कि अवैध शस्त्र निर्माण अत्यंत लाभदायक कार्य के रूप में संचालित किया जा रहा था
*बिक्री का नेटवर्क –* राज्य के बाहर तक फैला जाल- स्थानीय स्तर पर जोखिम और सीमित लाभ को देखते हुए सुरेंद्र ने बिक्री के लिए मध्यप्रदेश के बाहर, विशेषकर उत्तर प्रदेश में ग्राहकों को चुना। ये ग्राहक थोक स्तर पर हथियार खरीदते थे, जिससे एक ओर गोपनीयता बनी रहती थी और दूसरी ओर अधिक मुनाफा अर्जित होता था।
पूर्ण निर्माण स्वयं के स्तर पर-सुरेंद्र व उसका परिवार भलीभांति जानते थे कि बाहरी कलपुर्जों की खरीद से लागत बढ़ती है। अतः उन्होंने हथियारों के प्रत्येक कलपुर्जे का निर्माण स्वयं करना आरंभ किया। इसके लिए विशेष प्रकार का लोहा व अन्य सामग्री प्रदेश से बाहर की दुकानों से खरीदी जाती थी, ताकि स्थानीय स्तर पर संदेह की कोई संभावना न रहे।
बिक्री का विस्तृत और गोपनीय नेटवर्क-निर्माण की गतिविधियों में केवल परिवारजन सम्मिलित थे, जबकि बिक्री का कार्य उसके अन्य कुछ सहयोगियों द्वारा किया जाता था। ग्राहक संपर्क और वितरण प्रणाली को अत्यंत गोपनीय तरीके से संचालित किया जाता था।
*आरोपियों का विवरण अपराधिक रिकॉर्ड और उनकी भूमिका-*
क्र नाम पता क्रिमिनल रिकार्ड भूमिका
01 मुख्तार खान पिता फिरोज खान उम्र 30 साल निवासी म.न.78 फेस 2 करोंद थाना निशातपुरा
स्थाई पता- म.न. 70 बाबा का मिनारा के सामने झांसी उ.प्र
1.अप.क्र 130/2025 धारा 25,27 आर्म्स एक्ट थाना क्राइम ब्रांच एक साल पूर्व सुरेन्द्र नें एक पिस्टल बेची थी
02 मुख्य आरोपी - सुरेन्द्र पिता आनंदीलाल विश्वकर्मा उम्र 40 साल निवासी- चन्देरी बलदेवगढ़ थाना कुडीला 01. अप.क्र 13/99 धारा 323,324,34 ताहि थाना कुडीला
02.अप.क्र 01/2001 धारा 323,324,34 ताहि थाना कुडीला
03 अप.क्र 12/2006 धारा 324.323 ताहि थाना कुडीला
04 अप.क्र 6/2006 धारा 379. ताहि० बाना दिगौडा
05 अप.क्र 37/2007 धारा 279,337 ताहि थाना कुडीला
06. एअप.क्र 11/2008 धारा 392 ताहि० थाना कोतवाली टीकमगढ़)
7. अप.क्र 41/2004 धारा 194 ताहिए थाना मोहनगड
8. अप.क्र 139/10 धारा 393,398 ताहि0 25/27 आम्स एक्ट बाना मोहनगढ़
09. अप.क्र 98/11 धारा 34 आबकारी एक्ट थाना बल्देवगढ़
10. अप.क्र 215/13 धारा 379,467,468,471,420 ताहि थाना बल्देवगढ
11. अप.क्र 19/20 धारा 279,137 ताहि 184 एमव्ही एक्ट इनाफा धारा 338 ताहि
12 अप.क्र 362/20 धारा 129,294,506,325,34 ताहिए
13. अप.क्र 93/24 धारा188 ताहिक 14 म०प्र० रा०सु० अधि० 25/27 आर्म्स एक्ट
14 अप.क्र. 23/06 धारा 379 भादवि थाना कोतवाली टीकमगढ़
15 अप.क्र. 362/21 धारा 294, 323, 325, 34, 506 थाना कुडीला टीकमगढ़़
16 अप.क्र. 162/21 धारा 380, 457 भादवि थाना खरगपुर टीकमगढ़ अवैध हथियार बनाने का कारोबार करता है
03 सैफ अली उर्फ रिंकू पिता नसीर अली उम्र निवासी धार रोड़ इंदौर -- एक कट्टा व एक पिस्टल खरीदी है है
04 मुमताज अली पिता नौसे अली निवासी- जतारा टीकमगढ़ 7723052525 1.अप.क्र. 344/06 धारा 294,323,34 341,506 भादवि थाना जतारा टीकमगढ़
2.अप.क्र. 188/19 धारा 279,337,338,181,मोटर व्हीकल एक्ट थाना खरगापुर
3.अप.क्र. 276/05 धारा 323,34,427,452,506 भादवि , थाना जतारा
4.अप.क्र -211/2025 धारा 34 (2) आबकारी एक्ट थाना बम्हौरीकला टीकमगढ़
5. अप.क्र 50/22 धारा 25,27 आर्म्स एक्ट थाना लिधोरा नरेन्द्र के माध्यम से अवैध हथियार खरीदता है
05 आनंदी विश्वकर्मा पिता शिबुआ विश्वकर्मा उम्र निवासी चन्देरी बलदेवगढ़ थाना कुडीला 1.अप.क्र 140/2010 धारा 456 भादवि थाना कुडीला
2.अप.क्र 01/2001 धारा 323,324,34 भादवि थाना कुडीला
3.अप.क्र 13/2009 धारा 323,324,506,34 भादवि थाना कुडीला सुरेनद्र को अवैध हथियार बनाना सिखाया
06 फरार आरोपी - नरेन्द्र प्रताप सिंह परमार पिता गणपत सिंह परमार निवासी- म.न. 156 गली न. 02 हाउसिंह बोर्ड कॉलोनी कुंवरपुरा रोड़ जतारा टीकमगढ़ -- नरेन्द्र के फार्म हाउस में अवैध हथियार बनाने का काम होता है ।
7 अन्य 5-6 अज्ञात आरोपी
*जब्त माल का विवरण-* लेथ मशीनें, वेल्डिंग मशीनें, घिसाई व कटाई की मशीनें, ०१ देसी पिस्टल, 03 आधी बनी हुई देसी पिस्टल बैरल लोहे के फ्रेम, कारतूस, मैगजीन पिस्तौल की पत्ती दो जिंदा राउंड ब्लेंडर मोटर, लोहे की पाइप ब्लेंडर मशीन, ग्रील मशीन, वेल्डिंग मशीन, ड्रिल मशीन, बड़ी मिलिंग मशीन, छोटी बड़ी बट की लकड़ियाँ, लोहे के स्प्रिंग, स्लाइडर, घोड़ा ट्रिगर, इत्यादि एवं अन्य कलपुर्जे कच्चा सामान जप्त
*सराहनीय भूमिका –* निरी अनिल यादव , निरी भूपेन्द्र दीवान,उनि कलीमउद्दीन, सउनि सादिक खान, प्र आर मुकेश सिंह, प्र आर नारायण मीणा, आऱ प्रदीप सिंह , आर शैलेन्द्र , आऱ सुशील , आर आलोक मिश्रा, आर सतेन्द्र एवं टीकमगढ़ पुलिस