मैहर। नवरात्रि मेले के दौरान मैहर में मां शारदा मंदिर के बाहर पहचान छिपाकर प्रसाद की दुकान चला रहे यूसुफ और सोनू खान को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों पर एक श्रद्धालु को प्रसाद खरीदने के लिए मजबूर करने और उसके साथ गाली-गलौज व अभद्रता करने का आरोप है। यह चौकाने वाला खुलासा यूपीआई पेमेंट के दौरान हुआ है। शिकायत के बाद प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने गुरुवार शाम को दुकान सील कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। दरअसल यह मामला गुरुवार को तब सामने आया, जब सतना निवासी देवांश द्विवेदी अपने दोस्तों के साथ मा शारदा के दर्शन करने मैहर आये थे। वह अपने दोस्त के साथ रेलवे स्टेशन मैहर से मंदिर जाने के लिए आटो बुक किया। ऑटो चालक यूसुफ खान ने 10 रुपये प्रति सवारी किराया बताया, लेकिन गंतव्य तक पहुंचने पर 20-20 रुपये की मांग करने लगा। उसने कहा कि प्रसाद सोनू खान की दुकान से ही लेना होगा और प्रसाद की कीमत 400 के करीब बतायी गयी।
UPI में यूसुफ नाम पर श्रद्धालु को हुई शंका-:
श्रद्धालु द्वारा इन्कार करने पर गाली-गलौच और हाथ पकड़कर दुकान के अंदर ले गया और कुछ राशि कम की गई। तभी UPI से पेंमेंट करने पर यूपीआई में नाम यूसफ़ आ रहा था। इसी दौरान युवक शंका हुई और वह और सीधा देवीजी पुलिस चौकी पहुँचकर शिकायत दर्ज कराई। श्रद्धालु ने आरोप लगाया कि ‘गोपाल प्रसाद भंडार’ नामक दुकान के विक्रेताओं ने उस पर प्रसाद खरीदने का दबाव बनाया और मना करने पर उसके साथ गाली-गलौज और धमकी दी गई।
जांच में हुआ पहचान छिपाने का खुलासा-:
शिकायत मिलते ही पुलिस अधीक्षक अवधेश प्रताप सिंह के निर्देश पर मैहर पुलिस ने तत्काल FIR दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में पता चला कि ‘गोपाल प्रसाद भंडार’ नाम की यह दुकान ज्योति गौतम नामक महिला से किराए पर ली गई थी, लेकिन इसे यूसुफ खान और सोनू खान मिलकर चला रहे था।
प्रशासन ने दुकान को किया सील-:
मामले की पुष्टि होने के बाद गुरुवार शाम को पुलिस और प्रशासन की एक संयुक्त टीम ने दुकान पर दबिश दी। इस दौरान एसपी अवधेश प्रताप सिंह, मैहर एसडीएम दिव्या पटेल, सीएसपी महेंद्र सिंह चौहान और थाना प्रभारी अनिमेष द्विवेदी समेत भारी पुलिस बल मौजूद रहा। अधिकारियों की मौजूदगी में दुकान को तत्काल सील कर दिया गया।पुलिस ने दोनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है। एसपी अवधेश प्रताप सिंह ने बताया कि आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।