'संसर्गजा दोष गुणा भवन्ति ।' व्यक्ति में कुसंग से दोष और सत्संग से गुण आ जाते हैं। परन्तु जिसका मन लगातार प्रभु में लगा रहता है उनके ऊपर कुसंग का यद्यपि असर नहीं पड़ता है फिर भी उन्हें कुसंग से बचना ही चाहिए।
पूज्य गुरुदेव श्री राजेंद्र दास जी महाराज
सूर श्याम गौशाला
परासोली, गोवर्धन