Type Here to Get Search Results !
BREAKING NEWS

शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने करें नवाचार...जिससे नौनिहालों का जीवन न हो बेकार: कमिश्नर



एमपी धमाका, रायसेन

भोपाल कमिश्नर संजीव सिंह ने गुरुवार को रायसेन जिले का दौरा कर सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों का जायज लिया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
जिले के सिलवानी में शासकीय सांदीपनी विद्यालय में कमिश्नर  की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिसमें श्री सिंह ने जिले में शासकीय विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों और इस वर्ष कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के परिणाम की जानकारी लेते हुए कहा कि शासकीय विद्यालयों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इसके लिए रूचि लेकर पूरी लगन और मेहनत से प्रयास करें।
उन्होंने जिले में कक्षा 10वीं और 12वीं में 100 प्रतिशत रिजल्ट लाने वाले प्राचार्यो से संवाद किया तथा पढ़ाई के तरीकों के बारे में जानकारी लेते हुए कम परीक्षा परिणाम वाले विद्यालयों के प्राचार्यो से कहा कि वह अपने साथियों से समझें कि बेहतर कार्य किस प्रकार कर सकते हैं। जिन विद्यालयों का परीक्षा परिणाम बहुत खराब है, वह शिक्षा का वातावरण निर्मित करें। शिक्षक की विद्यार्थियों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बेहतर शिक्षा के लिए नवाचार और तकनीक का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि माता-पिता, शिक्षक, जनप्रतिनिधि सभी मिलकर परीक्षा परिणाम सुधारने के लिए प्रयास करें।
संभागायुक्त श्री सिंह ने कहा कि प्राचार्य रूचि लेकर कार्य करें। डाटा एनालिसिस कर देखें कि परिणाम कम क्यों है। बच्चों का उत्तीर्ण प्रतिशत बढ़ाने के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्य करें। बच्चों को मॉडल टेस्ट पेपर का अभ्यास कराएं। कहां पर चूक या कमी हो रही है, यह पता लगाएं। बच्चों को अच्छे परिणाम के लिए कैरियर काउंसलिंग की मदद से प्रोत्साहित करें।
बैठक में कलेक्टर अरूण कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि विद्यालयों के परिणाम सुधारना है, इससे विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। जिला स्तर पर जिन विद्यालयों में परीक्षा परिणाम अच्छा नहीं रहा है, उनकी मॉनीटरिंग के लिए अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। इसी प्रकार विषयवार शिक्षकों की वर्कशॉप और एक्सपीरियंस शेयरिंग हेतु गतिविधियां आयोजित की जाएगीं। जिले में शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। इस अवसर पर सहायक कलेक्टर कुलदीप पटेल, जिला शिक्षा अधिकारी डीडी रजक, शिक्षा विभाग के अधिकारी, प्राचार्य और शिक्षक उपस्थित रहे।    


भावांतर योजना का लाभ लेने के लिए सभी सोयाबीन उत्पादक किसान पंजीयन जरूर कराएं

भोपाल संभागायुक्त श्री सिंह द्वारा गैरतगंज स्थित कृषि उपज मण्डी में किसानों के साथ भावांतर योजना के संबंध में चर्चा की गई। उन्होंने किसानों से संवाद करते हुए कहा कि किसानों को उनकी सोयाबीन फसल का न्यूतनम समर्थन मूल्य देने के लिए भावांतर योजना को प्राथमिकता के साथ लागू की गई है। शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि कोई भी पात्र किसान इससे वंचित न रहे। इसके लिए पंजीयन कराना जरूरी है। इस दौरान कलेक्टर श्री विश्वकर्मा ने अवगत कराया कि जिले में अभी तक भावांतर योजना के तहत 7200 से अधिक किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है तथा रकबा 20202 हैक्टेयर है। संभागायुक्त की उपस्थिति में किसानों द्वारा ट्रालियों के पीछे रेडियम की पट्टी भी लगाई गई। उन्होंने सभी किसानों से  आव्हान किया कि वह अपने ट्रेक्टर-ट्रालियों के पीछे रेडियम की पट्टी जरूर लगाएं, जिससे कि रात्रि में दुर्घटना की संभावना ना रहें।
इस अवसर पर कृषि अधिकारी तथा कृषि वैज्ञानिक ने किसानों से कहा कि जिन सोयाबीन उत्पादक किसानों ने अभी तक भावांतर योजना में पंजीयन नहीं कराया है वह 17 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से पंजीयन करा लें। भावांतर योजना के तहत किसान 24 अक्टूबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक मंडी में फसल बेच सकेंगे। किसानों को 15 दिवस में भावांतर की राशि उनके आधार लिंक बैंक खातों में सीधे अंतरित की जाएगी। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि गेहूॅ की जगह सरसों की खेती में ज्यादा फायदा है। किसानों को सरसों की खेती को भी अपनाना चाहिए।
कृषि वैज्ञानिकों ने फसल के अवशेषों, पराली के उचित प्रबंधन के बारे में किसानों को जानकारी देते हुए कहा कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति नष्ट होने के साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान होता है। साथ ही कई बार गंभीर घटनाएं भी हो जाती है। किसान भाई पराली के उचित प्रबंधन हेतु हेप्पी सीडर, सुपर सीडर सहित अन्य उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग करें। इन कृषि यंत्रों के लिए शासन द्वारा अनुदान भी दिया जाता है। उन्होंने कहा कि धान की कटाई रीपर से ही की जाए। इसके अतिरिक्त संभागायुक्त ने उर्वरकों के संतुलित उपयोग पर चर्चा करते हुए कहा कि खेती में डीएपी की जगह एनपीके का उपयोग करना है। एनपीके में पोटाश भी होता है, जो कि डीएपी में नहीं होता।
संवाद के दौरान दो किसानों ने बताया कि इस बार उनके द्वारा नवाचार के रूप में अश्वगंधा की खेती शुरू की गई है। अभी अश्वगंधा विक्रय के लिए नीमच या अन्य जिलों में जाना पड़ता है। जिले में ही अश्वगंधा विक्रय के लिए बाजार उपलब्ध हो तो अन्य किसान भी इसकी खेती के लिए प्रेरित होंगे। इस अवसर पर सहायक कलेक्टर श्री कुलदीप पटेल, एसडीएम श्रीमती सरोज अग्निवंशी तथा अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Design by - Blogger Templates |