एमपी धमाका, छिंदवाड़ा
परासिया के सिविल अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रवीन सोनी 15 दिन के अवकाश पर थे और और अपने निजी क्लीनिक में बच्चों का इलाज कर रहे थे। उनकी पत्नी के नाम से चल रही मेडिकल स्टोर से ये दवाएं बच्चों के माता-पिता ने खरीदी थीं।
किडनी इन्फेक्शन से जिन नौ बच्चों की मौत हुई है उनमें से 7 बच्चों का इलाज डॉक्टर प्रवीण सोनी के क्लीनिक में हुआ था। और सभी को कोल्डरिफ और नेस्ट्रो डीएस दवाइयां दी गई थीं।
खास बात यह है कि डॉक्टर के क्लीनिक के बाजू में ही उनकी पत्नी "अपना मेडिकल" के नाम से मेडिकल स्टोर चलाती हैं, जहां से दवाइयां बेची गई थीं।
14 बच्चे अभी भर्ती हैं
इस मामले में अभी तक केवल दो एफआईआर एक दवा निर्माता कंपनी के खिलाफ और दूसरी डॉक्टर प्रवीण सोनी के खिलाफ दर्ज की गई है।
अलग-अलग अस्पतालों में 14 और ऐसे बच्चे हैं जिन्हें यही दवा दी गई थी उनका भी इलाज जारी है।
छिंदवाड़ा के कोतवाली थाना क्षेत्र राजपाल चौक से डॉक्टर प्रवीण सोनी क़ो देर रात एसपी की स्पेशल टीम ने गिरफ्तार किया है।