Type Here to Get Search Results !
BREAKING NEWS

कलेक्ट्रेट में नियमों का उल्लघंन



एमपी धमाका, विदिशा 
सरकारी कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों की जवाबदेही तय करने, कामों में पारदर्शिता लाने, भ्रष्टाचार रोकने के लिए बने आरटीआई कानून का कलेक्टर कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी जिम्मेदारी से पालन नहीं कर रहे हैं। जब कलेक्टर कार्यालय के ये हाल हैं तो फिर अन्य अधीनस्थ कार्यालयों में क्या होता होगा? 
आरटीआई की धारा 6(1) के तहत प्रस्तुत आवेदन का निराकरण लोक सूचना अधिकारी को 30 दिन के भीतर करना होता है। शुल्क की सूचना का आदेश विधि अनुसार पारित करना होता है, जिसमें आरटीआई की धारा 7 (8) (iii) के तहत आवेदन के निराकरण से असंतुष्ट होने की दशा में प्रथम अपीलीय अधिकारी का नाम, पता और अपील अवधि का उल्लेख भी अनिवार्य किया गया है। लेकिन कलेक्टर कार्यालय के सहायक लोक सूचना अधिकारी ने पारित आदेश में न तो वांछित जानकारी का उल्लेख किया और न नकद शुल्क जमा करने की बात कही। केवल उन्होंने सरकारी मद बताते हुए चालान से शुल्क जमा करने का नियम विरुद्ध निर्णय पारित किया है, जो धारा 20 के तहत दंडात्मक कार्यवाही में आता है‌। आवेदन का निराकरण धारा 7 के अनुसार नहीं किया गया। 
जबकि कलेक्टर कार्यालय में कुछ दिन पहले ही आरटीआई पर कार्यशाला हुई थी। ऐसी कार्यशाला का क्या फायदा?

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Design by - Blogger Templates |