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मुक्तिधाम की उपेक्षा से वृद्धा का सम्मानित अंतिम संस्कार भी नहीं हो सका- जिला पंचायत अध्यक्ष ने जताई पीड़ा, अधिकारियों को चेताया


एमपी धमाका 
विदिशा। ग्राम पंचायत सीहोद के अंतर्गत आने वाले गांव चक्क सीहोद में हाल ही में 70 वर्षीय वृद्धा के निधन के पश्चात एक हृदयविदारक दृश्य सामने आया। गांव में मुक्तिधाम की कोई समुचित व्यवस्था न होने के कारण, भारी बारिश में ग्रामीणों को अस्थाई टीन शेड बनाकर दाह संस्कार करना पड़ा। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण यह रहा कि कीचड़ भरे रास्ते के कारण दिवंगत वृद्धा को ट्रैक्टर-ट्रॉली से मुक्तिधाम तक ले जाना पड़ा।
इस मार्मिक घटना पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गीता कैलाश रघुवंशी ने गहरा क्षोभ और दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि—
> "मुक्तिधाम जैसी बुनियादी सुविधा का अभाव किसी भी संवेदनशील समाज के लिए अत्यंत शर्मनाक है। अंतिम यात्रा में भी सम्मान न मिल पाना मानवता को आहत करता है।"
उन्होंने बताया कि उन्होंने विदिशा जिले के सभी ग्रामों में 'सर्वसुविधायुक्त मुक्तिधाम' की परिकल्पना करके इस विषय में पूर्व से ही कृषि एवं ग्रामीण विकास कैबिनेट मंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को पत्र लिखा था, जिस पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने इसे "CM MANIT"  सम्मिलित किया था। तत्पश्चात तत्कालीन कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने तुरंत संज्ञान लेकर ग्रामीण यांत्रिकी सेवा से एस्टीमेट बनवाकर प्रमुख सचिव को भेजा था।
इसके बाद भी जिला पंचायत अध्यक्ष ने बार-बार इस हेतु राशि स्वीकृत करने का आग्रह किया — मुख्यमंत्री, पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल, तथा CSR कंपनियों से सहयोग के लिए भी प्रयास किया। माननीय मंत्री ने आश्वासन दिया था कि ग्यारसपुर विकासखंड को मिली ₹3 करोड़ की ग्रेवल सड़क योजना से पहुंच मार्ग बनाकर कार्य प्रारंभ किया जाए।
किन्तु इन तमाम प्रयासों के बाद भी जब जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई, और राशि लैप्स हो गई, तब अध्यक्ष ने 11 जुलाई को लोकहित के नियम का हवाला देते हुए स्पष्ट निर्देश जारी किए कि —
समस्त ग्राम पंचायतें 15वें वित्त अथवा राज्य वित्त से मुक्तिधाम का निर्माण एवं रिपेयर कार्य प्राथमिकता से करें।
मनरेगा से पूर्व में निर्माण की अनुमति जारी की जा चुकी है।
15 दिवस के भीतर जिओ टैगिंग कर रिपोर्ट कार्यालय में प्रस्तुत करें।
फिर भी जब 19 जुलाई को मात्र औपचारिक पत्र जारी किया गया, तो अध्यक्ष श्रीमती रघुवंशी ने इसे गंभीर लापरवाही करार दिया।
उन्होंने जनमानस एवं समस्त सरपंचों, सचिवों, रोजगार सहायकों एवं उपयंत्रियों से हाथ जोड़कर अपील की है कि —
> “इस कार्य को मानवता का कर्तव्य मानते हुए तत्काल प्राथमिकता में लें। कोई भी बाधा हो, मुझसे सीधे संपर्क करें —
सुबह 10:30 से 11:00 के बीच मेरे निवास पर या बुधवार को जिला पंचायत कार्यालय में मुझसे मिलें।
किसी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।”

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