कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम ने जांच शुरू करने में लगा दिए 6 महीने...!
एमपी धमाका, विदिशा
कहते हैं कि आम आदमी की भले ही चप्पलें घिस जाएं, लेकिन सिस्टम में इस जन्म में तो सुनवाई संभव नहीं है। यह कोई अतिशयोक्ति नहीं है बल्कि बगैर पौआ अर्थात मंत्री, विधायक, सांसद की सिफारिश के न्याय मिलना संभव नहीं है।
इस खबर के साथ दिया कलेक्टर कार्यालय का यह पत्र पढ़ने के बाद मुझे और कुछ लिखने की जरूरत नहीं है। एमपी धमाका के पाठकों को सब समझ आ जाएगा।